एक हवा थी हल्की-हल्की
एक हवा थी भारी
एक हवा चुपके से आई
एक ने धूल बुहारी
एक हवा थी ठंडी-ठंडी
एक थी गरम भभूका
एक हवा खुशियाँ ले आई
एक दुखों का झोंका
एक हवा थी खुशबू वाली
आई आ कर चली गई
एक हवा है सच्ची-सादी
साँस साँस में बसी हुई
-श्याम सुशील
(1957)
एक हवा थी भारी
एक हवा चुपके से आई
एक ने धूल बुहारी
एक हवा थी ठंडी-ठंडी
एक थी गरम भभूका
एक हवा खुशियाँ ले आई
एक दुखों का झोंका
एक हवा थी खुशबू वाली
आई आ कर चली गई
एक हवा है सच्ची-सादी
साँस साँस में बसी हुई
-श्याम सुशील
(1957)
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