Sunday 9 September 2018

खिचड़ी के यार

चिड़िया ले कर आई चावल
और कबूतर दाल
बन्दर मामा बैठे-बैठे
बजा रहे थे गाल

चिड़िया और कबूतर बोले
मामा, लाओ घी
खिचड़ी में हिस्सा चाहो तो
ढूँढ़ो कहीं दही

पहले से हमने ला रक्खे
पापड़ और अचार
यही चार तो होते हैं जी
इस खिचड़ी के यार

-उषा यादव
 (1948)

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