Sunday 9 September 2018

सूरज ने भेजा धरती पर

सूरज ने भेजा धरती पर
अपनी बेटी किरण धूप को
साथ खेलते धरती ने भी
उगा दिया झट हरी दूब को

दूब उगी तो देख गाय ने
हिला-हिला मुँह उसको खाया
उसको खा कर खूब ढ़ेर सा
दूध थनों में उसके आया

दूध मिला तो दादी माँ ने
जामन दे कर उसे जमाया
दही जमा तो माँ ने उसको
खूब बिलोकर मक्खन पाया

देखा मक्खन तो मन बोला
झटपट भैया इसको खाओ
ताक रहे क्यों खड़े देर से
मत इसको इतना पिघलाओ

पर बोली माँ इसको खा कर
हाथी से तगड़े हो जाओ
मैं बोला माँ लेकिन पहले
सूँड़ कहीं से तो ले आओ

-दिविक रमेश
 (1946)

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