Wednesday 12 September 2018

ओ री चिड़िया

जहाँ कहूँ मैं बोल बता दे
क्या जायेगी‚ ओ री चिड़िया
उड़ करके क्या चन्दा के घर
हो आयेगी‚ ओ री चिड़िया

चंदा मामा के घर जाना
वहाँ पूछ कर इतना आना
आ करके सच–सच बतलाना
कब होगा धरती पर आना
कब जायेगी‚ बोल लौट कर
कब आयेगी‚ ओ री चिड़िया
उड़ करके क्या चन्दा के घर
हो आयेगी‚ ओ री चिड़िया

पास देख सूरज के जाना
जा कर कुछ थोड़ा सुस्ताना
दुबकी रहती धूप रात–भर
कहाँ? पूछना‚ मत घबराना
सूरज से किरणों का बटुआ
कब लायेगी‚ ओ री चिड़िया
उड़ करके क्या चन्दा के घर
हो आयेगी‚ ओ री चिड़िया

चूँ-चूँ-चूँ-चूँ गाते गाना
पास बादलों के हो आना
हाँ‚ इतना पानी ले आना
उग जाये खेतों में दाना
उगा न दाना‚ बोल बता फिर
क्या खायेगी‚ ओ री चिड़िया
उड़ करके क्या चन्दा के घर
हो आयेगी‚ ओ री चिड़िया

       
-कृष्ण शलभ

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