Tuesday 11 September 2018

मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी

मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
गुड़िया खूब सजाई
किस गुड्डे के साथ हुई तय
इसी आज सगाई

मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
कौन खुशी की बात है
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी की
क्या चढ़ी बरात है

मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
गुड़िया गले लगाए,
आँखों से यों आँसू ये क्यों
रह-रह बह-बह आए

मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
क्यों ऐसा यह हाल है,
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी
जाती क्या ससुराल है

-द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

No comments:

Post a Comment