मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
गुड़िया खूब सजाई
किस गुड्डे के साथ हुई तय
इसी आज सगाई
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
कौन खुशी की बात है
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी की
क्या चढ़ी बरात है
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
गुड़िया गले लगाए,
आँखों से यों आँसू ये क्यों
रह-रह बह-बह आए
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
क्यों ऐसा यह हाल है,
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी
जाती क्या ससुराल है
-द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
गुड़िया खूब सजाई
किस गुड्डे के साथ हुई तय
इसी आज सगाई
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
कौन खुशी की बात है
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी की
क्या चढ़ी बरात है
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
गुड़िया गले लगाए,
आँखों से यों आँसू ये क्यों
रह-रह बह-बह आए
मुन्नी-मुन्नी ओढ़े चुन्नी
क्यों ऐसा यह हाल है,
आज तुम्हारी गुड़िया प्यारी
जाती क्या ससुराल है
-द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
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