पापा, तंग करता है भैया
कार तोड़ दी इसने मेरी
फेंक दिए दो पहिए दूर
हार्न टूट कर अलग पड़ा है
बत्ती भी है चकनाचूर
कहता-पापा से मत कहना
ले लो मुझसे एक रुपैया
पापा, तंग करता है भैया
लकड़ी का था मेरा हाथी
इसने दोनों कान उखाड़े
हिरन बनाए थे मैंने दो
कापी से वो पन्ने फाड़े
तोड़ फोड़ डाली, पापाजी
मेले से लाई थी गैया
पापा, तंग करता है भैया
इसने ले ली गुड़िया मेरी
ठुमक-ठुमक जो पीती पानी
एक नहीं, करता रहता है
हर दम ऐसी ही मनमानी
मेरा गुड्डा चुरा लिया है
कहता-ले लो चोर सिपैया
पापा, तंग करता है भैया
-प्रकाश मनु
(1950)
कार तोड़ दी इसने मेरी
फेंक दिए दो पहिए दूर
हार्न टूट कर अलग पड़ा है
बत्ती भी है चकनाचूर
कहता-पापा से मत कहना
ले लो मुझसे एक रुपैया
पापा, तंग करता है भैया
लकड़ी का था मेरा हाथी
इसने दोनों कान उखाड़े
हिरन बनाए थे मैंने दो
कापी से वो पन्ने फाड़े
तोड़ फोड़ डाली, पापाजी
मेले से लाई थी गैया
पापा, तंग करता है भैया
इसने ले ली गुड़िया मेरी
ठुमक-ठुमक जो पीती पानी
एक नहीं, करता रहता है
हर दम ऐसी ही मनमानी
मेरा गुड्डा चुरा लिया है
कहता-ले लो चोर सिपैया
पापा, तंग करता है भैया
-प्रकाश मनु
(1950)
No comments:
Post a Comment